मेरी पहचान
- soumya ray
- Jan 22, 2023
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(रचनाकार - सौम्या राय)
जो कभी पाजेब की आहट से भाँप लेते थे हम दोनो केबीच के फ़ासले , आज पूछते हैं की तू कौन है, क्या पहचान तेरी
जो हर झरोखे की अहसास से समझ लेते थे मेरे रुख़ की बेचैनी , आज पूछते हैं पहचान मेरी
जो खुद को मेरा साया कहता था वो आज मेरी परछाइयाँ भी नहीं पहचानता
पर मेरा अस्तित्व मोहताज नहीं तेरा (२)
मेरी परछाइयाँ तो हैं पहचान मेरी





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